आपदा प्रबंधन के लिए मुस्तैद रहें अधिकारी : मीना

चूरू, 22 मई। मानसून के दौरान अतिवृष्टि और बाढ़ की आशंकाओं को देखते हुए प्रशासन ने आपदा राहत की कवायद तेज कर दी है। गुरुवार को इस संबंध में कलक्ट्रेट सभागार में हुई बैठक में कलक्टर एच.एस.मीना ने आपदा राहत से जुड़े अधिकारियों को मुस्तैदी से काम करने के निर्देश दिए।
कलक्टर मीना ने कहा कि आपदा प्रबंधन से संबंधित समस्त तैयारियां पूर्ण रखें और बरसात का पानी भरने वाली जगहों को चिन्हित कर पानी निकासी के लिए जरूरी संसाधन तैयार रखें। आपदा राहत के लिए टोल फ्री नम्बर 1077 का प्रचार-प्रसार करें और अपने स्तर पर नियंत्रण कक्ष स्थापित कर उसकी जानकारी आमजन तक पहुंचाए। आवश्यक सेवाओं में बाधा उत्पन्न नहीं हो, यह सुनिश्चित करें तथा बरसात के कारण मौसमी बीमारी की आशंका के मध्येनजर अस्पतालों व स्वास्थ्य केन्द्रों में दवाओं की पर्याप्त उपलब्धता रखें। सभी स्तरों पर पानी निकासी के लिए मड-पंप आदि की समुचित व्यवस्था रखें तथा जो संसाधन खराब पड़े हैं, उन्हें तत्काल ठीक कराएं। आपदा के समय काम आने वाले आश्रय स्थलों, धर्मशालाओं को चिन्हित कर सूची बनाएं एवं उन्हें तैयार रखें। प्रशिक्षित गोताखोरों से संपर्क कर उनकी सूची बनाएं। पेयजल स्त्रोतों से शुद्घ पेयजल आपूर्ति के लिए जरुरी उपाय करें। उन्होंने प्रत्येक एसडीएम, बीडीओ, नगर निकाय अधिकारी एवं विभागीय अधिकारियों से तैयारियों का फीडबैक लिया और कहा कि आपदा राहत में किसी भी प्रकार की शिथिलता को गंभीरता से लिया जाएगा।
उन्होने एसडीओ व नगर विभाग अधिकारियों से कहा कि पानी निकासी के लिए नाले-नालियों की सफाई की पुख्ता व्यस्थता करें और पोलीथिन जब्त कर दोषियों के खिलाफ मुकदमें दर्ज कराएं। गांवों एवं शहरी क्षेत्रों में अतिक्रमण हटाने की कार्यवाही करें। विद्युत अधिकारी यह तय करें कि उनके ट्रांसफार्मर गलत जगह रखे जाने, तारों की ढीलाई और खंभों की लोकेशन के कारण किसी प्रकार की परेशानी उत्पन्न  नहीं हो। आरयूआईडीपी में कार्यों में शिथिलता  और अनियमितता की बात पर उन्होने एडीएम को जांच कमेटी गठित करने के आदेश दिए तथा पंखा संर्किल की व्यवस्थाओं के संबंध में एडीएम की अध्यक्षता में कमेटी गठित कर जांच करने की बात कही। कलक्टर ने अधिकारियों से कहा कि व फील्ड में जाकर संभावित परेशानी वाली जगहों को स्वयं देखें और फिर उसके अनुसार तैयारी करें। सार्वजनिक निर्माण विभाग मिटटी के बैग भरकर तैयार रखें। सभी अधिकारी अपने क्षेत्र के जर्जर भवनों की सूची तैयार करें और सुरक्षा के उपाय करें। कलक्टर ने कहा कि अधिकारीगण बिना अनुमति के मुख्यालय नहीं छोड़े और गांवों में कार्यरत ग्रामसेवक, पटवारी, एएनएम भी मुख्यालय पर रहना सुनिश्चित करें। उन्होंने कहा कि निर्देशों की अव्हेलना करने वाले तथा कार्य में लापरवाही बरतने वाले अधिकारियों की एसीआर में प्रतिकूल एंट्री की जाएगी। एडीएम आर एस कविया ने कहा कि सभी अधिकारी अपना-अपना एक्शन प्लान बनाकर तत्काल भिजवाएं। सीईओ विवेक अरोड़ा ने विकास अधिकारियों से कहा कि वे ग्रामीण विकास कार्मिकों की मुख्यालयों पर उपस्थिति सुनिश्चित करें।
आरयूआईडीपी के सुनील कलाणी ने बताया कि सीवरेज के कारण जिला मुख्यालय पर टूटी सडक़ें 30 जून से पहले ठीक कर दी जाएंगी और प्रोजेक्ट के पंप-जेसीबी उपलब्ध रहेंगे, जिनका उपयोग आवश्यकता पडऩे पर किया जा सकेगा। स्काउट सीओ रामजस लिखाला ने बताया कि प्रत्येक तहसील में स्काउट की एक प्रशिक्षित टीम तैयार है, जो आपदा के समय बेहतर स्वयंसेवक साबित हो सकते हैं। बैठक में लेखाधिकारी भागीरथ शर्मा, एसडीएम बिहारी लाल मीणा, सुश्री हरीतिमा, अशोक असीजा, कपूर शंकर मान, परसराम मीणा, एटीओ आलोक सैनी, कमिश्नर सांवरमल सैनी, साविनि अधिशाषी अभियन्ता आरसी गुप्ता, एस एल इंदलिया सहित विकास अधिकारी, जिला स्तरीय अधिकारी, सानिवि अधिकारी, नगर निकाय अधिकारीगण मौजूद थे।
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