चूरू, 20 मई। जिला परिषद के मुख्य कार्यकारी अधिकारी विवेक अरोड़ा ने अधिकारियों से कहा है कि राज्य सरकार की मंशा के मुताबिक वृक्षारोपण के लिए अभिनव कार्यक्रम में अपना योगदान दें और जिले को हरा-भरा बनाने में जुट जाएं।
वे मंगलवार को जिला परिषद में इस संबंध में आयोजित बैठक में अधिकारियों को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि यह एक ऐसा कार्यक्रम है, जिसमें सभी को व्यक्तिगत रुचि लेकर काम करने की जरूरत है क्योंकि पौधों को लगाए जाने के साथ-साथ उनकी समुचित देखभाल भी जरूरी है। उन्होंने कहा कि सभी अधिकारी ग्राम स्तर पर अपने कार्यालयों में कार्यरत कर्मचारियों को तत्काल इसके लिए निर्देशित करें और अभियान की सफलता के लिए जुट जाएं। उन्होंने कहा कि पौधरोपण कार्य ग्राम पंचायतों की ओर से किया जाना है लेकिन लगाए गए पौधों की देखभाल संबंधित कार्यालय के लोगों के सहयोग से ही हो सकेगी। उन्होंने कहा कि लगाए गए पौधों की व्यक्तिगत रुचि लेकर देखभाल हम सभी का नैतिक दायित्व है। राज्य सरकार की मंशा है कि आगामी चार सालों में प्रत्येक सरकारी कार्यालय परिसर हरा-भरा और फलदार-फूलदार पौधों से भरा हुआ नजर आए। उन्होंने बताया कि मनरेगा के तहत प्रत्येक गांव में कम से कम दस सरकारी कार्यालयों में पौधरोपण किया जाएगा और आगामी चार साल तक उसकी देखभाल की जानी है। उपवन संरक्षक हेतराम ने पौधरोपण की तकनीक, मौसम की अनुकूलता आदि के बारे में जानकारी दी। कृषि उपनिदेशक ने पौधों के लिए खाद, दवाइयों आदि की उपलब्धता, आवश्यकता और उपयोग के बारे में बताया। बैठक में विभिन्न विभागों के जिला स्तरीय अधिकारीगण मौजूद थे।
सीईओ विवेक अरोड़ा ने कहा है कि मनरेगा योजना के महत्व को देखते हुए सभी अधिकारी इसके नियमों के प्रति अद्यतन रहें और मनरेगा गाइड लाइन की पूर्ण पालना सुनिश्चित करें।
वे मंगलवार को जिला परिषद में आयोजित महात्मा गांधी नरेगा ऑपरेशनल गाइड लाइन 2013 के ब्लॉक संसाधन दल के दो दिवसीय टीओटी प्रशिक्षण कार्यशाला के समापन अवसर पर संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि कार्यशाला के दौरान के दिए गए प्रशिक्षण का लाभ उठाएं और जानकारियों का उपयोग कार्य के दौरान करें। उन्होंने कहा कि मनरेगा में रोजगार के इच्छुक लोगों को तत्काल रोजगार मिलना चाहिए और उन्हें समय पर भुगतान होना चाहिए।
कार्यशाला में परियोजना अधिकारी भागीरथ शर्मा, अधिशाषी अभियंता हरिशंकर कुमावत, सहायक लेखाधिकारी महावीर शर्मा, बीडीओ दीनबंधु सुरोलिया, एमआईएस मैनेजर भंवर सिंह बीका ने विभिन्न बिंदुओं पर जानकारी दी और संभागियों की समस्याओं का समाधान किया। कार्यशाला में सभी विकास अधिकारी, सहायक अभियंता, इंजीनियर, लेखाकार, ब्लॉक एमआईएस मैनेजरों ने भागीदारी की।
वे मंगलवार को जिला परिषद में इस संबंध में आयोजित बैठक में अधिकारियों को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि यह एक ऐसा कार्यक्रम है, जिसमें सभी को व्यक्तिगत रुचि लेकर काम करने की जरूरत है क्योंकि पौधों को लगाए जाने के साथ-साथ उनकी समुचित देखभाल भी जरूरी है। उन्होंने कहा कि सभी अधिकारी ग्राम स्तर पर अपने कार्यालयों में कार्यरत कर्मचारियों को तत्काल इसके लिए निर्देशित करें और अभियान की सफलता के लिए जुट जाएं। उन्होंने कहा कि पौधरोपण कार्य ग्राम पंचायतों की ओर से किया जाना है लेकिन लगाए गए पौधों की देखभाल संबंधित कार्यालय के लोगों के सहयोग से ही हो सकेगी। उन्होंने कहा कि लगाए गए पौधों की व्यक्तिगत रुचि लेकर देखभाल हम सभी का नैतिक दायित्व है। राज्य सरकार की मंशा है कि आगामी चार सालों में प्रत्येक सरकारी कार्यालय परिसर हरा-भरा और फलदार-फूलदार पौधों से भरा हुआ नजर आए। उन्होंने बताया कि मनरेगा के तहत प्रत्येक गांव में कम से कम दस सरकारी कार्यालयों में पौधरोपण किया जाएगा और आगामी चार साल तक उसकी देखभाल की जानी है। उपवन संरक्षक हेतराम ने पौधरोपण की तकनीक, मौसम की अनुकूलता आदि के बारे में जानकारी दी। कृषि उपनिदेशक ने पौधों के लिए खाद, दवाइयों आदि की उपलब्धता, आवश्यकता और उपयोग के बारे में बताया। बैठक में विभिन्न विभागों के जिला स्तरीय अधिकारीगण मौजूद थे।
सीईओ विवेक अरोड़ा ने कहा है कि मनरेगा योजना के महत्व को देखते हुए सभी अधिकारी इसके नियमों के प्रति अद्यतन रहें और मनरेगा गाइड लाइन की पूर्ण पालना सुनिश्चित करें।
वे मंगलवार को जिला परिषद में आयोजित महात्मा गांधी नरेगा ऑपरेशनल गाइड लाइन 2013 के ब्लॉक संसाधन दल के दो दिवसीय टीओटी प्रशिक्षण कार्यशाला के समापन अवसर पर संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि कार्यशाला के दौरान के दिए गए प्रशिक्षण का लाभ उठाएं और जानकारियों का उपयोग कार्य के दौरान करें। उन्होंने कहा कि मनरेगा में रोजगार के इच्छुक लोगों को तत्काल रोजगार मिलना चाहिए और उन्हें समय पर भुगतान होना चाहिए।
कार्यशाला में परियोजना अधिकारी भागीरथ शर्मा, अधिशाषी अभियंता हरिशंकर कुमावत, सहायक लेखाधिकारी महावीर शर्मा, बीडीओ दीनबंधु सुरोलिया, एमआईएस मैनेजर भंवर सिंह बीका ने विभिन्न बिंदुओं पर जानकारी दी और संभागियों की समस्याओं का समाधान किया। कार्यशाला में सभी विकास अधिकारी, सहायक अभियंता, इंजीनियर, लेखाकार, ब्लॉक एमआईएस मैनेजरों ने भागीदारी की।