झुंझुनू, 22 मई: जिला कलेटर एवं मजिस्टे्रट डॉ. आरूषी मलिक की अध्यक्षता में गुरूवार को कलेटे्रट सभागार में जिला पैरोल सलाहकार समिति, महिला अत्याचार, अनुसूचित जाति/अनुसूचित जनजाति अत्याचार निवारण समिति, शांति एवं कानून व्यवस्था, पुलिस हिरासत में मृत्यु, आंतरिक सुरक्षा, जिला स्तरीय बंधक सतर्कता समिति की बैठकों का आयोजन किया गया।
बैठक में बंदीगृह में कैद अपराधियों को पैरोल पर छोडऩे के विचाराधीन 19 प्रकरणों पर चर्चा की गई, जिसमें विचार-विमर्श करने के बाद 3 विचाराधीन मामलों में बंदियों को पैरोल पर छोडने का निर्णय लिया गया। मलिक ने एससी/एसटी अत्याचार निवारण अधिनियम 1995 के अन्तर्गत सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग के सहायक निदेशक को अनुसूचित जाति के 5 पीडितों को 210000 तथा अनुसूचित जन जाति के एक पीडित को 15000 रूपए की आर्थिक सहायता दी जाने के लिए निर्देशित किया। बैठक में अतिरित पुलिस अधीक्षक हाकिम सिंह ने बताया कि महिला अत्याचार के पुलिस में 166 मामले दर्ज हुए है, जिसमें 61 मालों में चालान पेश किया गया और 67 मामलों में एफआर लगाई गई, वहीं 38 मामलों में अभी भी कार्रवाई की जानी शेष है। इसी प्रकार अनुसूचित जाति/ अनुसूचित जनजाति निवारण अधिनियम 1995 के तहत 60 अभियोग दर्ज हुए हैं।
बैठक के दौरान जिले में बंधुआ मजदूर का कोई मामला दर्ज नहीं पाए जाने पर खुशी जाहिर की गई। बैठक में डॉ. मलिक ने जिले की कानून एवं शांति व्यवस्था की चर्चा करते हुए नरहड उर्स में आने वाले जायरिनों, खेतड़ी के गौरीर में टोल बचाने के लिए भारी वाहनों के अन्यत्र रिहायशी इलाकों के रास्तों के प्रयोग को गम्भीर माना और संबंधित अधिकारियों को इस पर तुरन्त रोक लगाने के लिए निर्देशित किया और आंतरिक सुरक्षा के लिए जल्द मॉक रिहर्सल आयोजित करने के लिए संबंधित अधिकारियों को निर्देशित किया।
बैठक में झुंझुनू उपखण्ड अधिकारी भागीरथ शाख, सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग के सहायक निदेशक सुरेन्द्र कुमार पूनियां, महिला एवं बाल विकास विभाग के उप निदेशक विप्लव न्यौला, श्रम कल्याण अधिकारी बंशीधर, जिला कारागृह के मुख्य प्रहरी नारायण लाल सहित संबंधित अधिकारी उपस्थित थे।
इससे पहले सुबह कलेटे्रट सभागार में झुंझुनू उपखण्ड अधिकारी भागीरथ शाख की अध्यक्षता में उद्यानिकी विकास समिति, जिला स्तरीय कृषि समिति एवं आत्मा शाषी परिषद की बैठक भी आयोजित की गई, जिसमें विभिन्न योजनाओं पर चर्चा कर संबंधित को उचित दिशा निर्देश दिए गए।
बैठक में बंदीगृह में कैद अपराधियों को पैरोल पर छोडऩे के विचाराधीन 19 प्रकरणों पर चर्चा की गई, जिसमें विचार-विमर्श करने के बाद 3 विचाराधीन मामलों में बंदियों को पैरोल पर छोडने का निर्णय लिया गया। मलिक ने एससी/एसटी अत्याचार निवारण अधिनियम 1995 के अन्तर्गत सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग के सहायक निदेशक को अनुसूचित जाति के 5 पीडितों को 210000 तथा अनुसूचित जन जाति के एक पीडित को 15000 रूपए की आर्थिक सहायता दी जाने के लिए निर्देशित किया। बैठक में अतिरित पुलिस अधीक्षक हाकिम सिंह ने बताया कि महिला अत्याचार के पुलिस में 166 मामले दर्ज हुए है, जिसमें 61 मालों में चालान पेश किया गया और 67 मामलों में एफआर लगाई गई, वहीं 38 मामलों में अभी भी कार्रवाई की जानी शेष है। इसी प्रकार अनुसूचित जाति/ अनुसूचित जनजाति निवारण अधिनियम 1995 के तहत 60 अभियोग दर्ज हुए हैं।
बैठक के दौरान जिले में बंधुआ मजदूर का कोई मामला दर्ज नहीं पाए जाने पर खुशी जाहिर की गई। बैठक में डॉ. मलिक ने जिले की कानून एवं शांति व्यवस्था की चर्चा करते हुए नरहड उर्स में आने वाले जायरिनों, खेतड़ी के गौरीर में टोल बचाने के लिए भारी वाहनों के अन्यत्र रिहायशी इलाकों के रास्तों के प्रयोग को गम्भीर माना और संबंधित अधिकारियों को इस पर तुरन्त रोक लगाने के लिए निर्देशित किया और आंतरिक सुरक्षा के लिए जल्द मॉक रिहर्सल आयोजित करने के लिए संबंधित अधिकारियों को निर्देशित किया।
बैठक में झुंझुनू उपखण्ड अधिकारी भागीरथ शाख, सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग के सहायक निदेशक सुरेन्द्र कुमार पूनियां, महिला एवं बाल विकास विभाग के उप निदेशक विप्लव न्यौला, श्रम कल्याण अधिकारी बंशीधर, जिला कारागृह के मुख्य प्रहरी नारायण लाल सहित संबंधित अधिकारी उपस्थित थे।
इससे पहले सुबह कलेटे्रट सभागार में झुंझुनू उपखण्ड अधिकारी भागीरथ शाख की अध्यक्षता में उद्यानिकी विकास समिति, जिला स्तरीय कृषि समिति एवं आत्मा शाषी परिषद की बैठक भी आयोजित की गई, जिसमें विभिन्न योजनाओं पर चर्चा कर संबंधित को उचित दिशा निर्देश दिए गए।