चूरू, 21 मई। जिला कलक्टर एचएस मीना ने कहा है कि जिले में झोलाछाप डॉक्टरों को चिन्हित कर उन पर मुकदमा दर्ज कराते हुए कड़ी कार्यवाही की जानी चाहिए।
वे बुधवार को कलक्ट्रेट सभागार में आयोजित जिला ग्रामीण स्वास्थ्य समिति की बैठक को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि झोलाछाप डॉक्टरों से आमजन को बचाने के लिए हमें आमजन को भी जागरुक करना होगा। उन्होंने कहा कि चिकित्सा एवं स्वास्थ्य से जुड़े अधिकारी अपनी सेवाओं में निरंतर सुधार करें और सरकार की तरफ से दी जा रही सुविधाओं के साथ-साथ स्वास्थ्य केद्रों मेें दी जा रही सेवाओं का समुचित प्रचार-प्रसार करें ताकि अधिक से अधिक लोग इन सेवाओं से लाभान्वित किया जा सके। उन्होंने कहा कि कुपोषण उपचार केंद्रों मेंं कुपोषित बालकों को नि:शुल्क उपचार, आने-जाने का खर्च, संतुलित आहार, प्रोत्साहन राशि दी जा रही है तो इसका लाभ भी समुचित ढंग से जिलेवासियों को मिलना चाहिए। यह तभी संभव है कि प्रत्येक चिकित्साकर्मी इस दिशा में सकारात्मक ढंग से काम करें और आमजन को इस बारे में जानकारी हो। उन्होंने कहा कि परिवार नियोजन के लक्ष्य प्राप्त करने के लिए रणनीति बनाकर कार्य करें और इस कार्य में आशा सहयोगिनियों का समुचित सहयोग लें। उन्होंने कहा कि एक व्यक्ति की शिथिलता पूरे जिले की उपलब्धियों को प्रभावित करती है, इसलिए किसी प्रकार की लापरवाही को सहन नहीं किया जाएगा। कलक्टर ने फूड इंस्पेक्टर मदन लाल द्वारा लक्ष्य से कम निरीक्षण करने पर नाराजगी जताई और कहा कि सभी खाद्य पदार्थों के समुचित नमूने लेकर कार्यवाही करें। आमजन के स्वास्थ्य से किसी प्रकार समझौता नहीं किया जा सकता है। उन्होंने एनआरएचएम के एक्सईएन से कहा कि वे जिले में चल रहे निर्माण कार्यों में तेजी लाएं ताकि सरकार के पैसे का आमजन को जल्दी से जल्दी लाभ मिलना शुरू हो। कलक्टर ने कुपोषित बालकों के चिन्हीकरण के लिए महिला एवं बाल विकास विभाग के उप निदेशक को भी निर्देश दिए। कलक्टर ने शत-प्रतिशत संस्थागत प्रसव सुनिश्चित करने, टीकाकरण, क्षय व मलेरिया रोग उन्मूलन सहित विभिन्न बिंदुओं पर समुचित निर्देश दिए।
सीएमएचओ डॉ अजय चौधरी ने जिले की स्वास्थ्य गतिविधियों की जानकारी देते हुए बताया कि सरकार की मंशा के अनुरूप आमजन को चिकित्सा व स्वास्थ्य सुविधाएं मुहैया कराई जा रही है। उन्होंने बीसीएमओ, पीएमओ तथा सीएचसी प्रभारियों से कहा कि अपने-अपने क्षेत्रों में स्वास्थ्य सेवाओं में और बेहतरी लाएं और लोगों को लाभान्वित करें। उन्होंने कहा कि मुख्यालय पर नहीं मिलने वाले चिकित्सकों व एएनएम के खिलाफ कड़ी कार्यवाही की जाएगी। एमएनडीवाई के प्रभारी डॉ सुनील जांदू ने बताया कि जिले में हीमोफीलिया, थैलेसीमिया, डायलाइसिस, किडनी फैल्युर, हृद्याघात, पार्किसन रोग, थायरायड, काला पानी, साइजोफ्रेनिया, मिर्गी आदि गंभीर रोगों के लिए भी दवाएं नि:शुल्क उपलब्ध हैं। डीबी जनरल अस्पताल के पीएमओ डॉ सीएल गहलोत ने बताया कि अस्पताल में 53 जांचें नि:शुल्क मुहैया कराई जा रही हैं।
इसी क्रम में पीसीपीएनडीटी एक्ट के क्रियान्वयन के लिए जिला स्तरीय समिति की बैठक को संबोधित करते हुए कलक्टर ने कहा कि जिले में लिंगानुपात की खराब स्थिति शोचनीय है और हमें बेटियों को बचाने की दिशा में समुचित उपाय करने होंगे। स्वास्थ्य कर्मी लोगों में चेतना जागृत करें कि लड़कियों की संख्या में गिरावट आने पर अनेक सामाजिक विसंगतियां उत्पन्न होंगी, जिसके दुष्परिणाम सबको भोगने होंगे। उन्होंने कहा कि सभी उपखंड अधिकारी निर्धारित निरीक्षण कर सोनोग्राफी सेंटरों के संचालन की मॉनीटरिेंग करें। बैठक में आईसीडीएस उप निदेशक ओपी मीणा, एसीएमएचओ डॉ मनोज शर्मा सहित बीसीएमओ, पीएमओ व सीएचसी प्रभारी, एनआरएचएम अधिकारीगण मौजूद थे।
वे बुधवार को कलक्ट्रेट सभागार में आयोजित जिला ग्रामीण स्वास्थ्य समिति की बैठक को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि झोलाछाप डॉक्टरों से आमजन को बचाने के लिए हमें आमजन को भी जागरुक करना होगा। उन्होंने कहा कि चिकित्सा एवं स्वास्थ्य से जुड़े अधिकारी अपनी सेवाओं में निरंतर सुधार करें और सरकार की तरफ से दी जा रही सुविधाओं के साथ-साथ स्वास्थ्य केद्रों मेें दी जा रही सेवाओं का समुचित प्रचार-प्रसार करें ताकि अधिक से अधिक लोग इन सेवाओं से लाभान्वित किया जा सके। उन्होंने कहा कि कुपोषण उपचार केंद्रों मेंं कुपोषित बालकों को नि:शुल्क उपचार, आने-जाने का खर्च, संतुलित आहार, प्रोत्साहन राशि दी जा रही है तो इसका लाभ भी समुचित ढंग से जिलेवासियों को मिलना चाहिए। यह तभी संभव है कि प्रत्येक चिकित्साकर्मी इस दिशा में सकारात्मक ढंग से काम करें और आमजन को इस बारे में जानकारी हो। उन्होंने कहा कि परिवार नियोजन के लक्ष्य प्राप्त करने के लिए रणनीति बनाकर कार्य करें और इस कार्य में आशा सहयोगिनियों का समुचित सहयोग लें। उन्होंने कहा कि एक व्यक्ति की शिथिलता पूरे जिले की उपलब्धियों को प्रभावित करती है, इसलिए किसी प्रकार की लापरवाही को सहन नहीं किया जाएगा। कलक्टर ने फूड इंस्पेक्टर मदन लाल द्वारा लक्ष्य से कम निरीक्षण करने पर नाराजगी जताई और कहा कि सभी खाद्य पदार्थों के समुचित नमूने लेकर कार्यवाही करें। आमजन के स्वास्थ्य से किसी प्रकार समझौता नहीं किया जा सकता है। उन्होंने एनआरएचएम के एक्सईएन से कहा कि वे जिले में चल रहे निर्माण कार्यों में तेजी लाएं ताकि सरकार के पैसे का आमजन को जल्दी से जल्दी लाभ मिलना शुरू हो। कलक्टर ने कुपोषित बालकों के चिन्हीकरण के लिए महिला एवं बाल विकास विभाग के उप निदेशक को भी निर्देश दिए। कलक्टर ने शत-प्रतिशत संस्थागत प्रसव सुनिश्चित करने, टीकाकरण, क्षय व मलेरिया रोग उन्मूलन सहित विभिन्न बिंदुओं पर समुचित निर्देश दिए।
सीएमएचओ डॉ अजय चौधरी ने जिले की स्वास्थ्य गतिविधियों की जानकारी देते हुए बताया कि सरकार की मंशा के अनुरूप आमजन को चिकित्सा व स्वास्थ्य सुविधाएं मुहैया कराई जा रही है। उन्होंने बीसीएमओ, पीएमओ तथा सीएचसी प्रभारियों से कहा कि अपने-अपने क्षेत्रों में स्वास्थ्य सेवाओं में और बेहतरी लाएं और लोगों को लाभान्वित करें। उन्होंने कहा कि मुख्यालय पर नहीं मिलने वाले चिकित्सकों व एएनएम के खिलाफ कड़ी कार्यवाही की जाएगी। एमएनडीवाई के प्रभारी डॉ सुनील जांदू ने बताया कि जिले में हीमोफीलिया, थैलेसीमिया, डायलाइसिस, किडनी फैल्युर, हृद्याघात, पार्किसन रोग, थायरायड, काला पानी, साइजोफ्रेनिया, मिर्गी आदि गंभीर रोगों के लिए भी दवाएं नि:शुल्क उपलब्ध हैं। डीबी जनरल अस्पताल के पीएमओ डॉ सीएल गहलोत ने बताया कि अस्पताल में 53 जांचें नि:शुल्क मुहैया कराई जा रही हैं।
इसी क्रम में पीसीपीएनडीटी एक्ट के क्रियान्वयन के लिए जिला स्तरीय समिति की बैठक को संबोधित करते हुए कलक्टर ने कहा कि जिले में लिंगानुपात की खराब स्थिति शोचनीय है और हमें बेटियों को बचाने की दिशा में समुचित उपाय करने होंगे। स्वास्थ्य कर्मी लोगों में चेतना जागृत करें कि लड़कियों की संख्या में गिरावट आने पर अनेक सामाजिक विसंगतियां उत्पन्न होंगी, जिसके दुष्परिणाम सबको भोगने होंगे। उन्होंने कहा कि सभी उपखंड अधिकारी निर्धारित निरीक्षण कर सोनोग्राफी सेंटरों के संचालन की मॉनीटरिेंग करें। बैठक में आईसीडीएस उप निदेशक ओपी मीणा, एसीएमएचओ डॉ मनोज शर्मा सहित बीसीएमओ, पीएमओ व सीएचसी प्रभारी, एनआरएचएम अधिकारीगण मौजूद थे।