झुंझुनू, अन्तर्राष्ट्रीय महिला दिवस के अवसर पर शनिवार को चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग द्वारा जिला औषधी भंडार पर किशोर-किशोरी स्वास्थ्य शिक्षा मेले का आयोजन किया गया। कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुए जिला कलेक्टर डॉ. आरूषी मलिक ने कहा कि सिर्फ 8 मार्च को ही नहीं वर्ष के 365 दिन महिला दिवस जैसा महत्व प्रत्येक महिला को देश में मिलना चाहिए। उन्होंने कहा कि जहां बढ़ती जनसंख्या देश के लिए चिंता का विषय है, वहीं घटता लिंगानुपात सामाजिक संतुलन के लिए गंभीर खतरा है।
उन्होंने कहा कि म्हारी लाडो तथा बेटी बचाओ जैसे अभियानों को जन-जन तक पंहुचाकर घटते लिंगानुपात में सुधार करना प्रशासन का उद्देश्य है। उन्होंने कहा कि जितना सुख परिवार को एक पुत्र दे सकता है, उससे कहीं अधिक सुख परिवार को पुत्री दे सकती है। उन्होंने कहा कि झुंझुनू महिला शिक्षा के क्षेत्र में अग्रणी जिला है और यहां की महिलाओं ने अपने कौशल एवं उत्कृष्ट कार्यों से सम्पूर्ण देश में जिले का नाम रोशन किया है। उन्होंने कहा कि महिला स्वयं सहायता समुहों के गठन, उन्हें बैंक से ऋण दिलवाने तथा ऋण लौटाने के मामले में झुंझुनू ने राज्य में प्रथम स्थान प्राप्त किया है। उन्होंने बताया कि गत माह तक 1450 महिला स्वय सहायता समूहों का गठन किया गया, जो निर्धारित लक्ष्य का 161 प्रतिशत है तथा 1776 समूहों को बंैकों से ऋण दिलवाया गया, जो निर्धारित लक्ष्य का 127 प्रतिशत है। उन्होंने कहा कि ऋण के रूप में बैंकों से अब तक महिला एवं स्वयं सहायता समूहों को 76.60 लाख रूपये की राशि प्राप्त हो चुकी है। उन्होंने कहा कि महिलाओं का सर्वागीण विकास हमारा लक्ष्य होना चाहिए। इस मौके पर सीएमएचओ एसएन धौलपूरिया, पूर्व सीएमएचओ डॉ. पीएस दूत्तड, पीसीपीएनडीटी के सदस्य सचिव नंदलाल पूनियां भी उपस्थित थे।